रंग बरसे वृंदावन में, प्रेम सुधा की धार।कृष्ण संग गोपियाँ नाचें, आनंद अपरंपार॥ बंसी की मधुर तान बजे, छाए रंग हज़ार।हरि के संग रंगे हैं सब, भूले जगत...
रंग बरसे वृंदावन में, प्रेम सुधा की धार।कृष्ण संग गोपियाँ नाचें, आनंद अपरंपार॥ बंसी की मधुर तान बजे, छाए रंग हज़ार।हरि के संग रंगे हैं सब, भूले जगत...
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